शरीर को स्वस्थ और फिट बनाए रखने के लिए प्रोटीन कितना जरूरी पोषक तत्व है ये किसी से छिपा राज नहीं है। मांसपेशियों के निर्माण, शरीर को ताकत देने, कोशिकाओं को स्वस्थ रखने के साथ आपको बेहतर लुक देने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है। यही कारण है कि जिम जाने वाले लोगों के बीच प्रोटीन की मांग और भी अधिक होती है। वैसे तो सभी लोगों को नियमित रूप से प्रोटीन की जरूरत होती है पर जो लोग व्यायाम करते हैं उन्हें अधिक मात्रा में इसके सेवन की सलाह दी जाती है ताकि मांसपेशियों में मजबूती आ सके।

आजकल स्वास्थ्य और फिटनेस के प्रति जागरूक लोगों के बीच प्रोटीन पाउडर का उपयोगआम हो गया है। हालांकि, बाजार में मिलने वाले प्रोटीन पाउडर के स्वास्थ्य संबंधित नुकसान भी चिंता का विषय रहे हैं। बाजार में नकली या मिलावटी प्रोटीन पाउडर बेचे जाने की खबरें भी सामने आती रही हैं। इनमें सस्ते और हानिकारक रसायनों का उपयोग किया जाता है, जो स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकते हैं।

प्रोटीन पाउडर में हो सकती है स्टेरॉयड की मात्रा

जिम से लौटने के बाद एक गिलास दूध या स्मूदी में प्रोटीन पाउडर मिलाकर पीना आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का एक सरल तरीका लग सकता है। आखिरकार, प्रोटीन मांसपेशियों, हड्डियों की मजबूती और शरीर के कई कार्यों के निर्माण और रखरखाव के लिए आवश्यक है। लेकिन सावधान रहें, बाजार में मिलने वाले प्रोटीन पाउडर आपके लिए फायदेमंद हों ये जरूरी नहीं है।

प्रोटीन पाउडर के नुकसान 

प्रोटीन पाउडर के नुकसान को लेकर किए गए अध्ययन में कई चौंकाने वाली बीतें सामने आईं। क्लीन लेबल प्रोजेक्ट नामक एक गैर-लाभकारी समूह ने प्रोटीन पाउडर में विषाक्त पदार्थों के बारे में रिपोर्ट जारी की। शोधकर्ताओं ने 134 उत्पादों की जांच की और पाया कि कई प्रोटीन पाउडर में भारी धातुएं जैसे (लेड, आर्सेनिक, कैडमियम और मर्करी), बिस्फेनॉल-ए (BPA, जिसका उपयोग प्लास्टिक बनाने के लिए किया जाता है) और सेहत के लिए नुकसानदायक कई अन्य तत्व हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, एक प्रोटीन पाउडर में बीपीए की अनुमत सीमा से 25 गुना ज्यादा मात्रा थी।

यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ प्रोटीन पाउडर या सप्लीमेंट्स की जगह प्राकृतिक स्रोतों से इसे प्राप्त करने की सलाह देते हैं।

प्रोटीन सप्लीमेंट्स के क्या नुकसान हैं?

प्रोटीन सप्लीमेंट्स, विशेषकर दोयम दर्जे के सप्लीमेंट्स सेहत को कई प्रकार से नुकसान पहुंचा सकते हैं।

पाचन तंत्र की समस्या
कुछ प्रोटीन पाउडर में हाई-प्रोसेस्ड सामग्री होती है, जो पाचन समस्याओं जैसे गैस, ब्लोटिंग, डायरिया या पेट दर्द का कारण बन सकती है।

किडनी की बीमारियां
अत्यधिक प्रोटीन पाउडर का सेवन किडनी पर अतिरिक्त दबाव डाल सकती है, जिससे किडनी से संबंधित समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है, विशेषकर यदि व्यक्ति पहले से किडनी की बीमारी से ग्रस्त हो। ज्यादातर प्रोटीन सप्लीमेंट्स में स्टेरॉयड की मात्रा होती है जो किडनी की सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक है।

हार्मोनल असंतुलन
सस्ते और कम गुणवत्ता वाले प्रोटीन पाउडर हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकते हैं। इनमें स्टेरॉयड या अन्य रसायन मिलाए जाते हैं, जिसके सेहत पर कई गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं। वहीं कुछ प्रोटीन पाउडर में कैफीन या अन्य उत्तेजक पदार्थ मिलाए जाते हैं, जो अधिक मात्रा में उपयोग किए जाने पर चिंता, बेचैनी या नींद न आने जैसी समस्याएं पैदा कर सकते हैं।

प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त करें प्रोटीन

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, प्रोटीन सप्लीमेंट्स या पाउडर की जगह प्राकृतिक स्रोतों से इस पोषक तत्व की पूर्ति की जानी चाहिए। प्राकृतिक प्रोटीन स्रोत (जैसे दाल, अंडे, नट्स) आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकते हैं। अंडे इसका सबसे अच्छा स्रोत हैं, एक अंडे में करीब 6 ग्राम प्रोटीन होता है। दिन में तीन-चार अंडे आपके प्रोटीन की जरूरतों के एक बड़े हिस्से की पूर्ति कर सकते हैं। इसके अलावा दालें, चने, नट्स को आहार में शामिल करके दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सकती है।

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