मंधना-अनवरगंज एलीवेटेड रेलवे ट्रैक 2027 तक बनकर तैयार हो जाएगा। 995 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस ट्रैक से कानपुर की 50 लाख आबादी को जाम से मुक्ति मिलेगी। 18 रेलवे क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम से भी निजात मिलेगी। आसपास के बाजारों और दुकानदारों को भी फायदा होगा। पिछले 20 साल से एलीवेटेड ट्रैक की कवायद चल रही थी।
20 साल पहले शुरू हुई थी कवायद
सोमवार को केस्को की लाइनें हटाने, भूमि अधिग्रहण, किसी तरह की बाधा हटाने समेत कोई मकान या दुकान आने पर उन्हें क्षतिपूर्ति देकर हटाने को लेकर अपर जिलाधिकारी नगर डा. राजेश कुमार के नेतृत्व में अफसरों ने स्थिति समझी। लेखपालों को निर्देश दिए गए।
मंडलायुक्त अमित गुप्ता के निर्देश पर लगातार काम चल रहा है। अब सभी तरह की जरूरतों को तय करने के बाद वर्ष 2025 के मार्च से अप्रैल के बीच निविदा हो जाएगी।
समन्वयक नीरज श्रीवास्तव बताते हैं, दो साल में एलीवेटेड रेल ट्रैक बनना है। इसके 2025 से शुरू होकर 2027 तक तैयार होने की उम्मीद है। ईपीसी मोड पर काम के लिए एक ही कंपनी अलग-अलग क्षेत्र में कार्य पूरा कराएगी।
डायवर्ट की जाएंगी 50 से अधिक ट्रेनें
एलीवेटेड रेलवे ट्रैक निर्माण के लिए दो साल तक यहां ट्रेनें नहीं चलेंगी। 50 से अधिक ट्रेनों को दूसरे रूट पर डायवर्ट किया जाएगा। कुछ ट्रेनों को हरदोई के रास्ते लखनऊ होकर सेंट्रल लाने की तैयारी पर परीक्षण चल रहा है। इसी तरह मुंबई, उत्तराखंड से आने वाली ट्रेनों को शिकोहाबाद से दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग पर ले जाया जा सकता है। कानपुर से कासगंज के बीच की ट्रेनों को मंधना तक चलाया जा सकता है।
मंधना-अनवरगंज एलीवेटेड रेलवे ट्रैक निर्माण के लिए हर बाधा दूर करा दी गई है। नए साल में निविदा के बाद शिलान्यास कराकर निर्माण तेजी से कराया जाएगा। कानपुर सांसद रमेश अवस्थी ने कहा-