सैफई। शुक्रवार को सैफई विश्वविद्यालय में वर्ल्ड अर्थराइटिस डे मनाया गया। विश्वविद्यालय के हड्डी रोग विशेषज्ञ प्रो. डॉ सुनील कुमार ने बताया कि जोड़ों में दर्द सूजन जैसे लक्षण देखें तो चिकित्सीय सलाह अवश्य लें। उन्होंने बताया सोमवार व शुक्रवार को गठिया रोगीयों के लिए दो दिन विशेष ओपीडी चलाई जा रही है। संस्थान में गठिया के इलाज के लिए विशेष उपचार व सर्जरी की सभी सुविधाएं उपलब्ध है।
डा सुनील कुमार ने बताया कि सौ से अधिक प्रकारों के साथ ओस्टियोआर्थराइटिस और रूमेटॉयड गठिया और इससे बचाव के लिए जागरुकता जरूरी है। अक्सर देखा गया है कि गठिया में सभी के लिए उपचार की समस्या है और अगर कोई भी व्यक्ति गठिया के लक्षणों को जल्दी पहचानता है तो जागरूकता के आधार पर इसका इलाज संभव है। इसी के चलते 12 अक्टूबर को वर्ल्ड अर्थराइटिस डे मनाया जाता है।
उन्होंने बताया कि जोड़ों का दर्द, जोड़ों में अकड़न, सूजन, दैनिक दिनचर्या में अपनी गति की सीमा कम होना, जोड़ के आसपास लाल त्वचा दर्द और दैनिक कार्यों में कठिनाई होने की शिकायत आर्थराइटिस के लक्ष्ण हैं। उन्होंने बताया ऑस्टियोआर्थराइटिस का असर विशेष रूप से कूल्हे, घुटने, गर्दन, पीठ के नीचले हिस्से, हाथों और पैरों पर पड़ता है।
खान-पान के गलत तरीके और शारीरिक एक्टिविटी की कमी व गलत खानपान की वजह से लोग आर्थराइटिस का शिकार हो जाते हैं। बीमारी से बचाव के लिए जीवन शैली में बदलाव लाना जरूरी है। जंक फूड और बाहर के खाने से बचें संतुलित आहार का सेवन करें साथ ही नियमित तौर पर व्यायाम करें। इस मौके पर डा अजय व डा जावेद ने भी लोगों को गठिया से बचाव को लेकर कई जानकारी दीं।
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जागरूकता कार्यक्रम में डॉ. जाइब अहमद, डाॅ. एसपी गिल, डाॅ. दिनेश, डाॅ. जसवीर, डाॅ. हरीश, डाॅ. अंकित, डाॅ. अजय, डाॅ. प्रदीप, डाॅ. प्रशांत व वा राजीव के साथ सभी सीनियर व जूनियर रेजिडेंट्स मौजूद रहे।