राशनकार्ड धारकों के लिए खुशखबरी! फिर बढ़ाई गई E-KYC की समयसीमा;

Ration Card E-KYC उत्तर प्रदेश में राशन कार्ड यूनिटों की ई-केवाईसी की समय सीमा फरवरी तक बढ़ा दी गई है। अब तक लगभग 9 लाख यूनिटों का सत्यापन नहीं हो पाया है। आपूर्ति विभाग ने सभी कोटेदारों को जल्द से जल्द ई-केवाईसी पूरी करने के निर्देश दिए हैं। जो लोग ई-केवाईसी नहीं कराएंगे उनके नाम राशन कार्ड से हटा दिए जाएंगे।

खाद्य एवं रसद विभाग ने राशनकार्ड यूनिटों की ई-केवाईसी की समय सीमा फरवरी तक बढ़ा दी है। इससे पहले इसके लिए दिसंबर तक का समय निर्धारित किया गया था। जिले में लगभग 30 लाख यूनिट हैं जिसमें नौ लाख यूनिटों का अभी तक सत्यापन नहीं हो पाया है।
आपूर्ति विभाग ने सभी कोटेदारों को जल्द से जल्द ई-केवाईसी पूरी करने, वृद्धों, दिव्यांगों के घरों में जाकर उनकी ई-केवाईसी करने के निर्देश दिए हैं।

किस तरह होती है ई-केवाईसी

सरकार ने राशनकार्ड धारकों के सत्यापन के लिए इस वर्ष जून से ई-केवाईसी प्रक्रिया शुरू की है। इसके तहत जिन लोगों के राशन कार्ड में नाम दर्ज हैं, उनको कोटेदारों के पास पहुंचकर ई-पोश मशीन पर अंगुलियों की छाप देनी हैं। जो लोग ई-केवाईसी नहीं कराएंगे, राशन कार्ड से उनके नाम हटा दिए जाएंगे।

जिलापूर्ति अधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि ई-केवाईसी को लेकर राशनकार्ड धारक लापरवाही बरत रहे हैं। कार्डधारकों से अनुरोध किया गया है कि वे कोटेदारों के पास पहुंचकर ई-केवाईसी करा लें। अब राशन वितरण के साथ ई-केवाईसी प्रक्रिया भी जारी रहेगी। कोटेदारों के निर्देश दिए गए हैं कि वे वृद्धों, दिव्यांगों के घरों पर जाकर उनकी ई-केवाईसी करें।

अति कुपोषित बच्चों की फीडिंग न करने पर प्रतिकूल प्रविष्टि, वेतन रोका

वहीं कानपुर जिले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बुधवार को तल्ख तेवर दिखाए। उन्होंने अति कुपोषित बच्चों की फीडिंग करने, सीएम डैश बोर्ड रैंकिंग में लापरवाही पर तीन चिकित्सा अधीक्षकों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी। एक का वेतन रोक दिया।

जिलाधिकारी ने सरसैया घाट स्थित नवीन सभागार में बैठक में राष्ट्रीय वेक्टर जनित कार्यक्रम, राष्ट्रीय कुष्ठ निवारण, पुनरीक्षित क्षय नियंत्रण, परिवार कल्याण, जननी सुरक्षा योजना, राष्ट्रीय अंधता नियंत्रण, राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन, नियमित टीकाकरण, आयुष्मान कार्ड जैसे कार्यों की प्रगति की समीक्षा की।

उन्होंने ई-कवच पोर्टल पर सैम (अति कुपोषित) बच्चों की समीक्षा के दौरान पाया कि 163 अति कुपोषित बच्चों की फीडिंग नहीं की गई। इस पर संबंधित चिकित्सा अधीक्षक को प्रतिकूल प्रविष्टि के साथ वेतन भी रोक दिया। उन्होंने सीएम डैश बोर्ड रैंकिंग की समीक्षा में शहरी क्षेत्र में प्रगति कम होने पर नोडल अधिकारी को चेतावनी दी, जबकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) बिल्हौर व ककवन के चिकित्सा अधीक्षक को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के निर्देश दिए।

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