कानपुर देहात। आरोग्य मंदिरों में तैनात सीएचओ अक्सर नदारद रहते हैं। इस कारण से आयुष्मान भारत एप में ई-संजीवनी के माध्यम से डॉक्टर मरीजों को नहीं देख पा रहे है। इस लापरवाही की वजह से ई-संजीवनी की रैकिंग गिर गई है। जिला टॉप टेन से बाहर हुआ तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है।
आरोग्य मंदिरों में 170 सीएचओ की तैनाती है। यहां आने वाले मरीजों को आयुष्मान भारत एप के माध्यम से पीएचसी व सीएचसी में बैठे डॉक्टरों से वीडियो कॉल कर सीएचओ मरीज को ई-संजीवनी की सुविधा देता है। ऑनलाइन मरीज से हुई वार्ता के अनुसार ही डॉक्टर मरीज को दवा देने के साथ सलाह देते हैं। यह देखकर सीएचओ मरीज को दवा दे देता है। जिले में कितने मरीजों को कितने समय में डॉक्टर ने देखा, इसकी रैकिंग शासन से जारी होती है।
16 दिसंबर को जारी हुई रैकिंग में टॉप टेन की सूची से कानपुर देहात बाहर हो गया। ऐसा इसलिए हो रहा है कि जिले के ज्यादातर सीएचओ जुगाड़ से हाजिरी लगा रहे हैं। इसका खामियाजा आरोग्य मंदिर में आने वाले मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। सीएमओ डॉ. एके सिंह ने बताया कि रैंकिंग को सुधारने के निर्देश चिकित्साधिकारियों को दिए हैं। पिछले तीन दिन से चली रही मीटिंग में भी सीएचओ पर ई-संजीवनी करने का जोर दिया जा रहा।