खास खबर का लोगो विभागीय कार्यों की समीक्षा में पिछड़ा जिला, प्रदेश में मिला 54वां स्थान क्रासर बेसिक शिक्षा विभाग ने पहली बार प्रदेश में कराई जिला समन्वयकों के कामों की समीक्षा पड़ोस के जनपद औरैया को मिला प्रदेश में पहला स्थान, टॉप टेन में भी जगह नहीं बना पाया जिला संवाद न्यूज एजेंसी इटावा। सरकारी स्कूलों में व्यवस्थाएं सुधारने के लिए की गई विभागीय समीक्षा में जिले की रैंकिंग खराब आई है। प्रदेश में पहली बार जिला समन्वयक के कार्याें के हुए मूल्यांकन में जिले के परिणाम अच्छे नहीं रहे है। प्रदेश के सभी 75 जिलों में किए गए सर्वे में जिला की 54 रैंक आई है। बेसिक शिक्षा विभाग के प्राइमरी और जूनियर स्कूलों में व्यवस्थाओं में सुधार के लिए प्रदेश में पहली बार विभाग के जिला समन्वयकों (डीसी) के कार्यों का मूल्यांकन किया गया था। इसमें पड़ोस के जनपद औरैया को प्रदेश में पहला स्थान मिला है। वहीं दूसरे स्थान पर कानपुर रहा है। विभाग की ओर से संचालित प्राथमिक व जूनियर विद्यालयों में विभिन्न योजनाओं, गतिविधियों के सफल संचालन के लिए जिला समन्वयकों की नियुक्ति की गई है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा को कई माह से जिलों से शिकायतें मिल रहीं थी कि जिला समन्वयक अपने पटल के कार्यों में लापरवाही बरत रहे है। विभाग ने इनके कार्यों की समीक्षा के लिए नई व्यवस्था को लागू किया है। अब कानपुर व औरैया को छोड़कर सभी जिलों के कार्यों की समीक्षा 100 अंकों से जांची गई है। इसमें इटावा को 39 अंकों के साथ 54 रैंक हासिल हुई है। इसके चलते विभाग की ओर से कम रैंक आने वाले जिलों के बीएसए व जिला समन्वयक से जवाब तलब किए गए है।
बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से कार्यों के अनुसार हर पटल के अंक तय कर दिए है। सबसे अधिक 20 अंक बालिका शिक्षा और सिविल के तय किए गए है। इसके बाद वित्त अनुभाग, गुणवत्ता शिक्षा, सामुदायिक सहभागिता पटल के 15 अंक तय हुए है। सबसे कम पांच-पांच अंक मध्याह्नन भोजन योजना, समेकित शिक्षा और पूर्व प्राथमिक शिक्षा के तय किए गए है।
जिले की रैंकिंग में सुधार के लिए लगातार प्रयास किए जाते है। इसके लिए सभी जिला समन्वयकों को निर्देशित कर दिया गया है। अगली बार जारी होने वाली रैंकिंग में जिले का स्थान बेहतर होगा, इसके लिए हम सभी लोग प्रयासरत है। डॉ. राजेश कुमार, बीएसए